शनिवार, 26 फ़रवरी 2011

अध्यात्म- पथ क्या है?


बहुत देर से एक ऐसा ब्लॉग शुरू करने की फ़िराक में था,जिसमे अध्यात्म पथ का हर पहलू शामिल हो सके,
लेकिन विषय वस्तु की रूप रेखा खींचते हुए लगा कि इतना विस्तृत तो कोई  और विषय है ही नहीं.
सो इस के लिए कोई अंतिम लाइन नहीं खींची मैंने.
इस ब्लॉग पर हर विषय जो ईश्वर,धर्म  या अध्यात्म से जुडा होगा,शामिल करूंगा.
इस के इलावा कुछ अनुतरित प्रश्न   भी हैं,जिन का उतर गोल मोल ही मिलता आया है,उनका उतर भी ढूँढने की कोशिश की जाएगी.
१.क्या ईश्वर है?
२.ईश्वर ने क्यों इस दुनिया का निर्माण किया?
३.क्या ईश्वर अथवा मोक्ष की प्राप्ति अनिवार्य है?
और असंख्य इन  जैसे प्रश्न.
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और कुछ ज्वलंत मुद्दे भी हैं.
१.क्या धर्म जरूरी है?
२.क्या धर्म राजनीति से प्रेरित है?
३.क्या धर्म पुस्तकों को बदलने की जरूरत है?
४.अध्यात्म चिंतन सबसे निकृष्ट है.
५.क्या धर्म सज़ा भी देता है?
६.ईश्वर की जरूरत क्या है?
७.क्या ध्यान करने की वस्तु है?
८.क्या गुरू के बिना गति नहीं है?
९.क्या धार्मिक पुस्तकें ईश्वरीय   प्रेरणा से लिखी गयी हैं?
१०.क्या धर्म औरतों के हकों की अनदेखी करता आया है?
११.क्या जातिवाद और वर्ण  विभाग हिन्दू धर्म में ही मिलता है?और क्या यह सही है?
१२.अगर भगवान् एक ही है तो संसार के धर्म अलग अलग व्याख्या क्यों करते हैं?या तो भगवान् एक नहीं है या भगवान्  है ही नहीं.
और भी बहुत से सवाल हैं.
आप सुधी पाठकों से निवेदन है कि अपने मन का कोई भी प्रश्न पूछिए.यथा शक्ति उतर देने की चेष्टा करूंगा.
आपके विचारों ,टिप्पणियों का स्वागत है.
कुछ शुभ चिंतकों का धन्यवाद  करना चाहता हूँ जो ब्लॉग शुरू होने से पहले ही इस से जुड़ गए.इनकी तीव्र उत्कंठा को नमन.

अपने बारे में.......कुछ ख़ास नहीं. नाम छुपाने की कोशिश करता हूँ क्योंकि बड़े नाम की चाह नहीं.काफी सालों से अध्यात्म पथ पर चलने की कोशिश कर रहा हूँ.जो पाया है आपसे बांटने की इच्छा है.
इस लिए नहीं कि आप मेरा अनुसरण करें.बल्कि इस लिए कि इस पथ के अनुगामियों के  कुछ काम आ सकूं.  
बहुत जल्द ही आपके साथ पहली पोस्ट बाटूंगा.भाषा सरल है मेरी.गूढ़ भाषा मुझे आती नहीं,भाती भी नहीं.श्लोक मुझे  याद नहीं रहते.
अर्थ जरूर आत्मसात करने की कोशिश करता हूँ.
ईश्वर बहुत ही सरल है,सहज है.
ईश्वर प्राप्ति भी बहुत सरल है, सहज है.
उसको हाज़िर नाज़िर जान कर मैं यह कहना चाहता हूँ कि आप भी सहजता से उसे पा लेंगे.
बस मेरे साथ साथ चलिए.
शेष अगली पोस्ट में.......

सोमवार, 7 फ़रवरी 2011

मुआफीनामा


अभी ब्लॉग 
निर्माणाधीन 
 
 है

मुझे खेद है कि आप को असुविधा हुई.
कृपया दूसरा ब्लॉग देखें---दिल की कलम से .